कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है? Kutub Minar Kisne Banaya aur Kab? कुतुब मीनार कहां स्तिथ है? कुतुब मीनार में कितनी मंजिले है?
हैलो दोस्तों, आज की पोस्ट मे आपको कुतुब मिनार के बारे में बताएंगे कि कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है, कुतुब मीनार किसने बनवाया, कुतुब मीनार में कितनी मंजिले है, कुतुब मीनार कहा़ स्तिथ है, मीनार का नाम कुतुब मीनार क्यों पड़ा, कुतुब मीनार का इतिहास, कुतुब मीनार का टिकट कितने का आता है तथा कुतुब मीनार के बारे में और भी बहुत कुछ जानेंगे।
कुतुब मीनार को किसने बनवाया और कब?
दिल्ली के प्रथम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक, ने 1119 में कुतुब मीनार की काम शुरू करवाया था। यह मीनार अफ़गानिस्तान में स्थित, जाम की मीनार से प्रेरित होकर आरंभ कराई गयी थी। क़ुतुबुद्दीन ऐबक ने अपने शासन काल में केवल इसका आरंभ अर्थात आधार ही बनवा पाया। उसके बाद क़ुतुबुद्दीन ऐबक के उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसकी तीन मंजिलों को को और बनावाया। 1386 में कुतुब मीनार में आग लगने के बाद फिरोज शाह तुगलक ने इसका पुनर्निर्माण कराया और पांचवी मंजिल भी बनवाई।
कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है
कुतुब मीनार की लंबाई 72.5 मीटर है। जिसे हम लगभग 73 मीटर ही मानते है। फीट में कुतुब मीनार की ऊंचाई 237.86 फीट है। कुतुब मीनार मूल रूप से पहले 2 मंजिल ऊंची थी बाद में इसे 5 मंजिला बनाया गया था।
कुतुब मीनार में कितनी मंजिले है
कुतुब मीनार में 5 मंजिले है, जिनकी ऊंचाई 73 मीटर है। इसकी हर एक मंजिल में एक बालकनी है। कुतुब मीनार का व्यास 14.3 मीटर है। इस मज्जिद के प्रांगण में 7 मीटर ऊंचा लोहे का स्तंभ स्तिथ है। जिस पर शिलालेख बने हुए है।
कुतुब मीनार कहां स्तिथ है
कुतुब मीनार भारत में दिल्ली के दक्षिण में स्थित महरौली भाग में स्थित है। यह ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। कुतुब मीनार में 379 सीढ़ीयां है जो पांचवी मंजिल तक जाती है।
इसका नाम कुतुब मीनार कैसे पड़ा
कुतुब मीनार के नाम कैस पड़ा इस बात को लेकर पुरातत्व की जानकारी रखने वालों के दो मत है। कई पुरातत्विदो का कहना है की कुतुब मीनार का नाम दिल्ली से पहले सुलतान जिन्होंने कुतुब मीनार की नींव रखी उन्ही के नाम कुतुबुद्दीन ऐबक पर रखा गया। लेकिन कुछ लोग मानते है की इस मीनार का नाम बगदाद के प्रसिद्ध संत क़ुतुबुद्दीन बख्तियार के नाम पर रखा गया। क्युकी इल्तुमिश इनका बहुत सम्मान करते थे।
कुतुब मीनार का इतिहास
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनुसार कुतुब मीनार से पहले यहाँ 30 सुंदर जैन मंदिर थे जिन्हे आक्रमणकारियों ने ध्वस्त कर दिया गया था। बाद में कुतुबुद्दीन ऐबक ने यहां पर कुतुब मीनार की नीव रखी जो की 13वी शताब्दी में बनकर तैयार हुई। कुतुब मीनार लाल बलुआ पत्थर से बनी है जिन पर कुरान की आयतों और फूलों की लताएं की नक्काशी की गई है।
कुतुब मीनार के पास भारत की पहली मस्जिद बनी हुई है जिसका नाम कुब्बत ए इस्लाम है। कुब्बत ए इस्लाम का हिंदी अर्थ इस्लाम की शक्ति है। कुतुब मीनार के परिसर में लोह स्तंभ बना हुआ है यह 2000 साल पहले बना था लेकिन अभी तक इस पर जंग नहीं लगी है। यह बहुत रहस्यमई स्तंभ है। इस स्तंभ में 99.72% शुद्ध लोहा है। इस मीनार पर कई बार भूकंप और बिजली गिरने से भी इसे कुछ नही हुआ। इसे यूनिस्को ने विश्व धरोहरों में शामिल किया है। कुतुब मीनार में 6 से अधिक छोटे स्मारक है जिनमे मकबरे और स्तंभ स्तिथ है। कुतुब मीनार 800 साल से ज्यादा पुरानी इमारत है।
कुतुब मीनार का टिकट कितने का आता है
कुतुब मीनार भारत के महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह विश्व की सबसे ऊंची ईट की मीनार है जो की 13वी सदी से अभी तक सुरक्षित खड़ी हुई है। यह भारतीय सिनेमा में भी काफी लोकप्रिय है। कुतुब मीनार में कई बॉलीवुड की फिल्म और टेलिविजन के नाटकों की शूटिंग हुई है। भारतीय नागरिकों के लिए कुतुब मीनार का टिकट 40 रूपया का आता है। अगर आप इसे ऑनलाइन बुक करते है तो यह टिकट आपको 35 रूपया का मिलता है जबकि विदेशी टूरिस्ट के लिए कुतुब मीनार का टिकट 600 का मिलता है लेकिन कुछ छूट मिलने पर यह टिकट उन्हें 50 रूपया कम अर्थात 550 में मिल जाता है।
कुतुब मीनार को एलईडी लाइटों से सजाया गया गया है जिससे रात में इसकी सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है। कुतुब मीनार एक तरफ से थोड़ी झुकी हुई हैं। आधार पर कुतुब मीनार का व्यास 14.32 है जो ऊपर शिखर तक जाने पर 2.75 मीटर रह जाती है। कुतुब मीनार के परिसर में घूमते समय आपको 10 मिनट की शॉर्ट फिल्म दिखाई जाती है जिसमे आपको कुतुब मीनार वा परिसर में स्तिथ अन्य इमारतों के बारे में दिलचस्प जानकारी प्राप्त होती है।
कुतुब मीनार के बारे में कुछ और जानकारी
कुतुब मीनार को एलईडी लाइटों से सजाया गया गया है जिससे रात में इसकी सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है। कुतुब मीनार एक तरफ से थोड़ी झुकी हुई हैं। आधार पर कुतुब मीनार का व्यास 14.32 है जो ऊपर शिखर तक जाने पर 2.75 मीटर रह जाती है। कुतुब मीनार के परिसर में घूमते समय आपको 10 मिनट की शॉर्ट फिल्म दिखाई जाती है जिसमे आपको कुतुब मीनार वा परिसर में स्तिथ अन्य इमारतों के बारे में दिलचस्प जानकारी प्राप्त होती है।
कुतुब मीनार के परिसर में दिल्ली का लौह स्तंभ, अलाई दरवाजा, इल्तुतमिश की कब्र, अलाई मीनार, अलाउद्दीन का मदरसा और कब्र, इमाम जमीन की कब्र, कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद आदि इमारत स्तिथ है जो की विजीटर्स का आकर्षण का केंद्र बनती है। कुतुब मीनार का ऊपरी हिस्सा बिजली गिरने से नष्ट हो गया था जिसे फिरोज शाह तुगलक द्वारा फिर से बनवाया गया।
सन 1974 से पहले कुतुब मीनार सभी लोगो के लिए खुला हुआ था लेकिन 1981 में एक हादसे में 45 लोगो की जान चली गई इसके बाद से कुतुब मीनार के भीतरी हिस्से में जाना पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया। अलाउद्दीन खिलजी कुतुब मीनार से बड़ी मीनार बनवाना चाहता था यह 27 मीटर बन भी चुकी थी लेकिन अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु हो गई और उसके उत्तराधिकारी ने इसे खर्चीला मानकर इसका काम रुकवा दिया। इस अधूरी इमारत को अलाई मीनार' कहते है। यह भी अधूरी बनी हुई है।
क़ुतुब मीनार से जुड़े कुछ - FAQs:
कुतुब मीनार कब बना था?
वैसे तो क़ुतुब मीनार बनाने का काम दिल्ली के प्रथम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक, ने 1119 में शुरू करवाया था।
कुतुब मीनार कितना लंबा है?
क़ुतुब मीनार के लंबाई के बारेमे हम पहले ही बात कर चुके है लेकिन फिर भी बता दे की क़ुतुब मीनार 72.5 मीटर लंबा है, लेकिन हम इसी 73 मीटर मनके चलते है।
कुतुबमीनार का वजन कितना है?
कुतुबमीनार की ऊँचाई 73 मीटर और इसका वजन 600 किलो से ज्यादा है।
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आज हमने क्या सीखा?
कुतुब मीनार भारत की प्रमुख आकर्षक इमारतों में से एक है। दोस्त आपको यह पोस्ट तथा कुतुब मीनार के बारे में जानकारी (कुतुब मीनार किसने बनाया और कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है) कैसी लगी कॉमेंट करके जरूर बताएं और ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग की नोटिफिकेशन On कर ले। अपने दोस्तो के साथ जानकारी जरूर शेयर करे।
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