Delhi Ki Rajdhani Kya Hai? दिल्ली की राजधानी क्या है? दिल्ली की राजधानी कहा है?
दोस्तों अपने देश भारत की राजधानी नई दिल्ली, जो दिल्ली के अंतर्गत ही आती है के बारे में तो आप जानते ही होंगे। लेकिन क्या आप दिल्ली की राजधानी के बारे में जानते हैं? की Delhi Ki Rajdhani Kya Hai (दिल्ली की राजधानी क्या है)?
अगर आप दिल्ली की राजधानी के बारे में नहीं जानते हैं तो हम इस आर्टिकल के द्वारा आपको दिल्ली की राजधानी के बारे में जानकारी देंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है जो भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से एक है। दिल्ली का मुख्यमंत्री तो दिल्ली की जनता के द्वारा चुना जाता है लेकिन दिल्ली में प्रशासनिक अधिकार केंद्र सरकार के पास रहते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको दिल्ली की राजधानी क्या है, दिल्ली का इतिहास, दिल्ली के नगर निगम एवं जिले, दिल्ली की कुल जनसंख्या तथा क्षेत्रफल और दिल्ली से संबंधित कुछ रोचक तथ्यों के बारे में आपको बताएंगे।
दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है जो भारत की राजधानी भी है। दिल्ली को एक पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है। संसद के द्वारा एक विशेष कानून बनाकर दिल्ली को सीमित शक्तियों के साथ केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
दिल्ली में जो सरकार चुनी जाती है वह दिल्ली की जनता के द्वारा चुनी जाती है। क्योंकि दिल्ली एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है इसलिए वहां की सरकार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार कहा जाता है। नई दिल्ली क्षेत्र जो कि भारत की राजधानी है, दिल्ली के अंतर्गत ही आता है।
दिल्ली के बारे में सामान्य जानकारी देने के बाद अब हम आपको हम दिल्ली की राजधानी क्या है के बारे में बताते हैं। दोस्तों दिल्ली की राजधानी दिल्ली ही है।
आपको भारत के सबसे प्रमुख केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के बारे में सामान्य जानकारी होना भी जरूरी है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में विभिन्न राज्यों के लोग रहते हैं। इसलिए आपको यहां पर हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी, तमिल, बिहारी भाषाओं का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
दिल्ली शहर यमुना नदी के किनारे बसा है तथा यह मुंबई के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। अगर आप दिल्ली में सरकारी नौकरी करते हैं तो आपको भारत के किसी भी राज्य के मुकाबले यहां पर सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है।
वर्ष 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता हुआ करती थी। उसके बाद से दिल्ली को भारत की राजधानी के रूप में जाना जाता है।
11 वीं सदी के बाद से ही दिल्ली को भारत की राजधानी के रूप में जाना जाता है। भारत के अंतिम हिंदू राजा पृथ्वीराज चौहान दिल्ली के अंतिम शासक के। इसके बाद दिल्ली मुगल, तुर्क, अफगान, अरबों और अंग्रेजों की राजधानी रही।
क्योंकि दिल्ली बहुत लंबे समय तक बहुत सारे राजाओं की राजधानी रही इसलिए यहां पर बहुत ही अच्छे और शानदार निर्माण कार्य कराए गए।
इन निर्माण कार्यों में कुतुब मीनार, जामा मस्जिद, लाल किला, इंडिया गेट चांदनी चौक, कनॉट प्लेस तथा जंतर मंतर आदि प्रमुख है।
वर्तमान समय में दिल्ली का प्रशासन भारत के संविधान के अनुसार संचालित होता है। यहां पर न्यायपालिका कार्यपालिका और व्यवस्थापिका के कार्यालय संचालित होते हैं।
भारत सरकार के द्वारा देश का संपूर्ण परिचालन दिल्ली में बैठकर ही किया जाता है। देश के विकास तथा किसी अन्य मुद्दे पर सभी महत्वपूर्ण निर्णय दिल्ली में ही Discuss किए जाते हैं।
दिल्ली एक पर्यटन क्षेत्र भी है। यह अरावली पर्वत से घिरा हुआ क्षेत्र है, जो विदेशी पर्यटकों के आकर्षण केंद्र के रूप में जाना जाता है।
भारतीय इतिहास की किसी भी किताब में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि इसका नाम दिल्ली कैसे पड़ा, और सबसे पहले दिल्ली शब्द का प्रयोग किसने किया था।
बहुत से इतिहासकार मानते हैं कि यह "देहली" शब्द का रूपांतरण है जिसका भारतीय भाषा में मतलब होता है दहलीज या चौखट।
बहुत से जानकार यह मानते हैं कि यह शहर गंगा यमुना के मुहाने पर स्थित है। इसलिए लोगों ने इसका नाम दिल्ली रख दिया।
एक और मान्यता है कि यहां पर पहले कभी ढीलू नाम का शासक हुआ करता था जिसने अपनी राजधानी का नाम ढीलीका या ढीली रखा। बाद में यह नाम रूपांतरित होते होते दिल्ली के नाम से जाना जाने लगा।
दिल्ली को 19वीं सदी से भारत की राजधानी के रूप में मान्यता प्राप्त है। 19वीं सदी से पहले भारत की राजधानी कोलकाता थी।
जब मुगल भारत में शासन करने के लिए आए थे तब उन्होंने पहले दिल्ली को अपनी प्रशासनिक राजधानी के रूप में चुना था। लेकिन उस समय दिल्ली में गर्मी बहुत पड़ती थी तो वह दिल्ली के क्षेत्र को छोड़कर कोलकाता में चले गए थे। और कोलकाता को ही अपनी राजधानी घोषित किया।
इसके बाद जब भारत में अंग्रेज आए तो उन्हें पता चला कि कोलकाता राजधानी देश के कोने में है। अतः उनके लिए वहां से शासन करना मुश्किल हो गया। इसके साथ-साथ बहुत सारे आंदोलन भी अंग्रेजों के खिलाफ बंगाल(कोलकाता) से ही शुरू हुए थे।
इन्हीं सब कारणों की वजह से अंग्रेजों ने एक नई ऐसी राजधानी की खोज की जो देश के मध्य में हो तथा जहां से शासन चलाना आसान है।
इसी को ध्यान में रखते हुए 12 दिसंबर वर्ष 1911 को तत्कालीन राजा जॉर्ज किंग पंचम ने नई राजधानी दिल्ली की आधारशिला रखी। अंग्रेजों ने नई राजधानी को बनाने का पूरा जिम्मा हरबर्ट बेकर और एडविन लुटियंस को सौंपा।
उस समय पर दिल्ली की लगभग सभी बिल्डिंग एडविन लुटियंस के द्वारा ही डिजाइन की गई थी। इसी वजह से दिल्ली के कुछ हिस्सों को लुटियंस दिल्ली भी कहा जाता है।
दिल्ली को पूरी तरीके से डिजाइन करने में लगभग 20 साल का समय लगा। उसके बाद 13 फरवरी सन 1921 को दिल्ली को ब्रिटिश साम्राज्य की आधिकारिक राजधानी घोषित किया गया।
दिल्ली के पुराने नाम के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हम तो इतिहास में थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा। ऐसी मान्यता है कि जब महाभारत के समय में दुर्योधन ने पांडवों को हस्तिनापुर में जमीन देने से मना कर दिया था तो पांडवों ने दिल्ली में ही अपनी राजधानी बसाई थी।
उस समय पांडवों ने दिल्ली को इंद्रप्रस्थ नाम दिया था। आप दिल्ली के पुराने नाम के बारे में इंद्रप्रस्थ पर विचार कर सकते हैं।
अगर हम वर्तमान समय में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में जिलों की संख्या के बारे में बात करें तो इस समय दिल्ली में कुल 9 जिले हैं। इन जिलों के अंतर्गत कौन-कौन से क्षेत्र आते हैं उसके बारे में हमने नीचे बताया है।
1. मध्य दिल्ली जिला
मध्य दिल्ली जिले के अंतर्गत दरियागंज, पहाड़गंज तथा करोल बाग आदि क्षेत्र आते हैं।
2. उत्तर दिल्ली जिला
इस क्षेत्र के अंतर्गत सदर बाजार, दिल्ली कोतवाली, दिल्ली सब्जी मंडी आदि आते हैं।
3. दक्षिणी दिल्ली जिला
कालकाजी, डिफेंस कॉलोनी तथा हौज खास दक्षिणी दिल्ली में आते हैं।
4. पूर्वी दिल्ली जिला
प्रीत विहार, वसुंधरा, गांधीनगर, विवेक विहार आदि पूर्वी दिल्ली में आते हैं।
5. उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला
सीलमपुर, शाहदरा तथा सीमापुरी जैसे इलाके उत्तर पूर्वी दिल्ली में आते हैं।
6. दक्षिण पश्चिमी दिल्ली जिला
वसंत विहार, नजफगढ़, दिल्ली कैंट जैसे क्षेत्र दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में आते हैं।
7. नई दिल्ली जिला
इस क्षेत्र में कनॉट प्लेस, संसद भवन मार्ग और चाणक्यपुरी जैसे क्षेत्र आते हैं।
8. उत्तर पश्चिम दिल्ली जिला
नरेला, मॉडल टाउन तथा सरस्वती विहार जैसे इलाके उत्तर पश्चिमी दिल्ली में आते हैं।
9. पश्चिमी दिल्ली जिला
राजोरी गार्डन, पटेल नगर तथा पंजाबी बाग पश्चिमी दिल्ली जिले में आते हैं।
इस समय दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में बांटा गया है। इसके तीन भाग नीचे बताए गए हैं
भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश है। इस लिहाज से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी जनसंख्या काफी अधिक है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में दिल्ली की कुल जनसंख्या 1,64,53,2350 है। जनसंख्या के लिहाज से दिल्ली भारत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 1483 वर्ग किलोमीटर है। National Capital Delhi की समुद्र तल से Total Height 216 मीटर है। दिल्ली के पूर्वी क्षेत्र में यमुना नदी बहती है। क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से दिल्ली भारत का सबसे बड़ा शहर है।
दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं।
विभिन्न मान्यताओं के अनुसार दिल्ली का पुराना नाम इंद्रप्रस्थ था। ऐसा माना जाता था इसे पांडवों ने बसाया था और यहां पर इंद्रदेव निवास करते थे।
दिल्ली की समुद्र तल से कुल ऊंचाई 216 मीटर है।
दिल्ली यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। यमुना नदी दिल्ली के पूर्वी हिस्से में बहती है।
दिल्ली का जंतर मंतर मुख्य रूप से एक खगोलीय वेधशाला है। दिल्ली के जंतर मंतर का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह के द्वारा कराया गया था।
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इस आर्टिकल के द्वारा हमने आपको Delhi Ki Rajdhani Kya Hai(दिल्ली की राजधानी क्या है) के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने की कोशिश की है।
फिर भी अगर दिल्ली के संबंध में कोई जानकारी हमसे छूट गई है तो उसे कमेंट में जरूर बताएं हम उसके बारे में जल्दी अपडेट करेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल को पढ़कर आपको दिल्ली की राजधानी, इतिहास तथा सामान्य जानकारी के बारे में अच्छी जानकारी मिली होगी।
अगर आप दिल्ली की राजधानी के बारे में नहीं जानते हैं तो हम इस आर्टिकल के द्वारा आपको दिल्ली की राजधानी के बारे में जानकारी देंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है जो भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से एक है। दिल्ली का मुख्यमंत्री तो दिल्ली की जनता के द्वारा चुना जाता है लेकिन दिल्ली में प्रशासनिक अधिकार केंद्र सरकार के पास रहते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको दिल्ली की राजधानी क्या है, दिल्ली का इतिहास, दिल्ली के नगर निगम एवं जिले, दिल्ली की कुल जनसंख्या तथा क्षेत्रफल और दिल्ली से संबंधित कुछ रोचक तथ्यों के बारे में आपको बताएंगे।
Delhi Kya Hai (दिल्ली क्या है)
दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है जो भारत की राजधानी भी है। दिल्ली को एक पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है। संसद के द्वारा एक विशेष कानून बनाकर दिल्ली को सीमित शक्तियों के साथ केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
दिल्ली में जो सरकार चुनी जाती है वह दिल्ली की जनता के द्वारा चुनी जाती है। क्योंकि दिल्ली एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है इसलिए वहां की सरकार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार कहा जाता है। नई दिल्ली क्षेत्र जो कि भारत की राजधानी है, दिल्ली के अंतर्गत ही आता है।
Delhi Ki Rajdhani Kya Hai (दिल्ली की राजधानी क्या है)
दिल्ली के बारे में सामान्य जानकारी देने के बाद अब हम आपको हम दिल्ली की राजधानी क्या है के बारे में बताते हैं। दोस्तों दिल्ली की राजधानी दिल्ली ही है।
दिल्ली की राजधानी क्या है | दिल्ली |
Delhi Ki Rajdhani Kya Hai | Delhi |
दिल्ली के बारे में सामान्य जानकारी
आपको भारत के सबसे प्रमुख केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के बारे में सामान्य जानकारी होना भी जरूरी है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में विभिन्न राज्यों के लोग रहते हैं। इसलिए आपको यहां पर हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी, तमिल, बिहारी भाषाओं का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
दिल्ली शहर यमुना नदी के किनारे बसा है तथा यह मुंबई के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। अगर आप दिल्ली में सरकारी नौकरी करते हैं तो आपको भारत के किसी भी राज्य के मुकाबले यहां पर सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है।
वर्ष 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता हुआ करती थी। उसके बाद से दिल्ली को भारत की राजधानी के रूप में जाना जाता है।
दिल्ली का इतिहास (History Of Delhi)
11 वीं सदी के बाद से ही दिल्ली को भारत की राजधानी के रूप में जाना जाता है। भारत के अंतिम हिंदू राजा पृथ्वीराज चौहान दिल्ली के अंतिम शासक के। इसके बाद दिल्ली मुगल, तुर्क, अफगान, अरबों और अंग्रेजों की राजधानी रही।
क्योंकि दिल्ली बहुत लंबे समय तक बहुत सारे राजाओं की राजधानी रही इसलिए यहां पर बहुत ही अच्छे और शानदार निर्माण कार्य कराए गए।
इन निर्माण कार्यों में कुतुब मीनार, जामा मस्जिद, लाल किला, इंडिया गेट चांदनी चौक, कनॉट प्लेस तथा जंतर मंतर आदि प्रमुख है।
वर्तमान समय में दिल्ली का प्रशासन भारत के संविधान के अनुसार संचालित होता है। यहां पर न्यायपालिका कार्यपालिका और व्यवस्थापिका के कार्यालय संचालित होते हैं।
भारत सरकार के द्वारा देश का संपूर्ण परिचालन दिल्ली में बैठकर ही किया जाता है। देश के विकास तथा किसी अन्य मुद्दे पर सभी महत्वपूर्ण निर्णय दिल्ली में ही Discuss किए जाते हैं।
दिल्ली एक पर्यटन क्षेत्र भी है। यह अरावली पर्वत से घिरा हुआ क्षेत्र है, जो विदेशी पर्यटकों के आकर्षण केंद्र के रूप में जाना जाता है।
दिल्ली का नामकरण
भारतीय इतिहास की किसी भी किताब में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि इसका नाम दिल्ली कैसे पड़ा, और सबसे पहले दिल्ली शब्द का प्रयोग किसने किया था।
बहुत से इतिहासकार मानते हैं कि यह "देहली" शब्द का रूपांतरण है जिसका भारतीय भाषा में मतलब होता है दहलीज या चौखट।
बहुत से जानकार यह मानते हैं कि यह शहर गंगा यमुना के मुहाने पर स्थित है। इसलिए लोगों ने इसका नाम दिल्ली रख दिया।
एक और मान्यता है कि यहां पर पहले कभी ढीलू नाम का शासक हुआ करता था जिसने अपनी राजधानी का नाम ढीलीका या ढीली रखा। बाद में यह नाम रूपांतरित होते होते दिल्ली के नाम से जाना जाने लगा।
दिल्ली देश की राजधानी कब बनी
दिल्ली को 19वीं सदी से भारत की राजधानी के रूप में मान्यता प्राप्त है। 19वीं सदी से पहले भारत की राजधानी कोलकाता थी।
जब मुगल भारत में शासन करने के लिए आए थे तब उन्होंने पहले दिल्ली को अपनी प्रशासनिक राजधानी के रूप में चुना था। लेकिन उस समय दिल्ली में गर्मी बहुत पड़ती थी तो वह दिल्ली के क्षेत्र को छोड़कर कोलकाता में चले गए थे। और कोलकाता को ही अपनी राजधानी घोषित किया।
इसके बाद जब भारत में अंग्रेज आए तो उन्हें पता चला कि कोलकाता राजधानी देश के कोने में है। अतः उनके लिए वहां से शासन करना मुश्किल हो गया। इसके साथ-साथ बहुत सारे आंदोलन भी अंग्रेजों के खिलाफ बंगाल(कोलकाता) से ही शुरू हुए थे।
इन्हीं सब कारणों की वजह से अंग्रेजों ने एक नई ऐसी राजधानी की खोज की जो देश के मध्य में हो तथा जहां से शासन चलाना आसान है।
इसी को ध्यान में रखते हुए 12 दिसंबर वर्ष 1911 को तत्कालीन राजा जॉर्ज किंग पंचम ने नई राजधानी दिल्ली की आधारशिला रखी। अंग्रेजों ने नई राजधानी को बनाने का पूरा जिम्मा हरबर्ट बेकर और एडविन लुटियंस को सौंपा।
उस समय पर दिल्ली की लगभग सभी बिल्डिंग एडविन लुटियंस के द्वारा ही डिजाइन की गई थी। इसी वजह से दिल्ली के कुछ हिस्सों को लुटियंस दिल्ली भी कहा जाता है।
दिल्ली को पूरी तरीके से डिजाइन करने में लगभग 20 साल का समय लगा। उसके बाद 13 फरवरी सन 1921 को दिल्ली को ब्रिटिश साम्राज्य की आधिकारिक राजधानी घोषित किया गया।
दिल्ली का पुराना नाम क्या था
दिल्ली के पुराने नाम के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हम तो इतिहास में थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा। ऐसी मान्यता है कि जब महाभारत के समय में दुर्योधन ने पांडवों को हस्तिनापुर में जमीन देने से मना कर दिया था तो पांडवों ने दिल्ली में ही अपनी राजधानी बसाई थी।
उस समय पांडवों ने दिल्ली को इंद्रप्रस्थ नाम दिया था। आप दिल्ली के पुराने नाम के बारे में इंद्रप्रस्थ पर विचार कर सकते हैं।
दिल्ली में जिलों की संख्या
अगर हम वर्तमान समय में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में जिलों की संख्या के बारे में बात करें तो इस समय दिल्ली में कुल 9 जिले हैं। इन जिलों के अंतर्गत कौन-कौन से क्षेत्र आते हैं उसके बारे में हमने नीचे बताया है।
1. मध्य दिल्ली जिला
मध्य दिल्ली जिले के अंतर्गत दरियागंज, पहाड़गंज तथा करोल बाग आदि क्षेत्र आते हैं।
2. उत्तर दिल्ली जिला
इस क्षेत्र के अंतर्गत सदर बाजार, दिल्ली कोतवाली, दिल्ली सब्जी मंडी आदि आते हैं।
3. दक्षिणी दिल्ली जिला
कालकाजी, डिफेंस कॉलोनी तथा हौज खास दक्षिणी दिल्ली में आते हैं।
4. पूर्वी दिल्ली जिला
प्रीत विहार, वसुंधरा, गांधीनगर, विवेक विहार आदि पूर्वी दिल्ली में आते हैं।
5. उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला
सीलमपुर, शाहदरा तथा सीमापुरी जैसे इलाके उत्तर पूर्वी दिल्ली में आते हैं।
6. दक्षिण पश्चिमी दिल्ली जिला
वसंत विहार, नजफगढ़, दिल्ली कैंट जैसे क्षेत्र दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में आते हैं।
7. नई दिल्ली जिला
इस क्षेत्र में कनॉट प्लेस, संसद भवन मार्ग और चाणक्यपुरी जैसे क्षेत्र आते हैं।
8. उत्तर पश्चिम दिल्ली जिला
नरेला, मॉडल टाउन तथा सरस्वती विहार जैसे इलाके उत्तर पश्चिमी दिल्ली में आते हैं।
9. पश्चिमी दिल्ली जिला
राजोरी गार्डन, पटेल नगर तथा पंजाबी बाग पश्चिमी दिल्ली जिले में आते हैं।
दिल्ली में कितने नगर निगम है
इस समय दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में बांटा गया है। इसके तीन भाग नीचे बताए गए हैं
दिल्ली की कुल जनसंख्या कितनी है
भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश है। इस लिहाज से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी जनसंख्या काफी अधिक है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में दिल्ली की कुल जनसंख्या 1,64,53,2350 है। जनसंख्या के लिहाज से दिल्ली भारत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
दिल्ली का कुल क्षेत्रफल कितना है
दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 1483 वर्ग किलोमीटर है। National Capital Delhi की समुद्र तल से Total Height 216 मीटर है। दिल्ली के पूर्वी क्षेत्र में यमुना नदी बहती है। क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से दिल्ली भारत का सबसे बड़ा शहर है।
दिल्ली के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- आबादी के लिहाज से दिल्ली भारत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
- विभिन्न राजाओं के द्वारा दिल्ली को सात बार उजाड़ा गया तथा सात बार बसाया गया।
- दिल्ली का पुस्तक मेला पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह प्रतिवर्ष दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होता है।
- दिल्ली का खड़ी बोली Market Asia का Biggest Spice Market है।
- दिल्ली का लगभग 20% हिस्सा हरियाली से हरा भरा है।
- दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। यहां पर प्रति व्यक्ति आय 402173 रुपये है।
- दुनिया की सबसे ऊंची मीनार दिल्ली में ही स्थित है। यह कुतुब मीनार है जिसे कुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा बनाया गया था।
- दिल्ली शहर में जंतर मंतर है। यह ग्रहों तथा नक्षत्रों की दिशा देखने के लिए बनाया गया था।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से दिल्ली भारत का सबसे बड़ा शहर है। ध्यान दें यहां पर हमने शहर के बारे में बताया है।
- दिल्ली की जीडीपी 12.48 की दर से बढ़ रही है।
दिल्ली के संबंध में पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs;
दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री कौन हैं?
दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं।
दिल्ली का पुराना नाम क्या था?
विभिन्न मान्यताओं के अनुसार दिल्ली का पुराना नाम इंद्रप्रस्थ था। ऐसा माना जाता था इसे पांडवों ने बसाया था और यहां पर इंद्रदेव निवास करते थे।
दिल्ली की समुद्र तल से ऊंचाई कितनी है?
दिल्ली की समुद्र तल से कुल ऊंचाई 216 मीटर है।
दिल्ली किस नदी के किनारे पर स्थित है?
दिल्ली यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। यमुना नदी दिल्ली के पूर्वी हिस्से में बहती है।
दिल्ली का जंतर मंतर किसने बनवाया था?
दिल्ली का जंतर मंतर मुख्य रूप से एक खगोलीय वेधशाला है। दिल्ली के जंतर मंतर का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह के द्वारा कराया गया था।
यह पोस्ट भी पढ़े...
आज अपने क्या सीखा?
इस आर्टिकल के द्वारा हमने आपको Delhi Ki Rajdhani Kya Hai(दिल्ली की राजधानी क्या है) के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने की कोशिश की है।
फिर भी अगर दिल्ली के संबंध में कोई जानकारी हमसे छूट गई है तो उसे कमेंट में जरूर बताएं हम उसके बारे में जल्दी अपडेट करेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल को पढ़कर आपको दिल्ली की राजधानी, इतिहास तथा सामान्य जानकारी के बारे में अच्छी जानकारी मिली होगी।
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